Thursday, September 3, 2009

खामोश

जुबां
मैं भी रखती हूँ
मगर खामोश हूँ
क्या दूँ
दुनिया के
सवालों के
जवाब
ज़िन्दगी जब ख़ुद
एक सवाल
बन कर रह गई


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