मुक्कमल किताब
अधजगी रातों का ख्वाब हो गए
तुम नेरी मुकम्मल किताब हो गए
आस,विस्श्वास,मिला,जुदाई
गीत,ग़ज़ल.प्यार,तकरार
तुम सभी भावों का सार हो गए
तुम मेरा आईना हो गए
बेमतलब सी ज़िन्दगी का मायना हो गए
पलकों पे खुशियों की झलक
ख्यालों में हर पल महक
हंसी में उन्मुक्त पाखी की चहक
झेरनों का संगीत,अनकही प्रीत
पंखों की नींद,नींद के पंख
तुम हकीकत,तुम्ही ख्वाब हो गए
खामोश हैं लब,तुम मेरे अल्फाज़ हो गए
तुम मेरी मुकम्मल किताब हो गए.
rajni
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