विश्वास के धागे
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विश्वास के धागे
सौंपे हैं तुम्हारे हाथ
कुछ उलझ से गए है
सुलझा देना मेरे पालनहार
तुम तो हो सुलझे हुए कलाकार
पर इन दिनों वक़्त ही नहीं मिलता तुम्हें
बहुत उलझ गए हो सुलझाने में
दुनिया की उलझने बेशुमार
मेरे लिए भी थोड़ी फुर्सत निकालो ना
टूटे नहीं विश्वास मेरा
तुम्हीं कोई राह निकालो ना
कहते हैं दुनिया वाले
खड़ी हूँ ज़िंदगी और मौत की सरहद पर
तुम्हीं हौले-हौले ज़िंदगी की ओर सरका दो ना
ज़िंदगी हमेशा हसीन लगी हैं मुझे
लिए यही खुशगवार एहसास
रहने देना अपनों के संग
क्या अब भी कर लूँ तुम पर यह विश्वास ?
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