Thursday, October 6, 2022

कैसा गिला ?

 कैसा गिला ?

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सुर्ख,  उनीदीं आँखें 

पिछली रात की करवटें 

रतजगा 

न ख़त्म 

 होने वाला सिलसिला 


विरहन का यही 

 अमावसी नसीब 

 किस से शिकवा 

 कैसा गिला?


रजनी  छाबड़ा 

8 /5/2004 

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