तैडे बिना/तेरे बिना (सिराइकी और हिंदी में मेरी कविता )
तैडे बिना
*******
तैडे बिना
हिक़ इवें
अमूझना रेहंदा हे
दिन उगदे हि
शाम ढलण दी
उडीक रेहँदी हे /
तेरे बिना
*******
तेरे बिना
दिल यूं
बेक़रार रहता है
दिन उगते ही
शाम ढलने का
इंतज़ार रहता है /
तैडे बिना
*******
तैडे बिना
हिक़ इवें
अमूझना रेहंदा हे
दिन उगदे हि
शाम ढलण दी
उडीक रेहँदी हे /
No comments:
Post a Comment