पाणी वेच नूण/ नमक सा आभास ( सिरायकी में मेरी कविता, हिंदी अनुवाद के साथ )
पाणी वेच नूण
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पाणी वेच
नूण वरगा एहसास
मेंकू लुभावंदा
विखदा नहीं
पर आपणा होवण
जता वैंदा /
नमक सा आभास
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पानी में
नमक सा आभास
मुझे है लुभाता
अदृश्य रह के भी
अपने होने का
एहसास दिला जाता
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