Thursday, October 31, 2013

मेरी दीवाली


 मेरी दीवाली 
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तम्मनाओं की लौ से
रोशन किया
एक चिराग
तेरे नाम का
लाखों चिराग
तेरी यादों के
ख़ुद बखुद
झिलमिला उठे


रजनी छाबड़ा 

Wednesday, August 21, 2013

वीराना


वीराना

जो छूट जाते हैंइस ज़िंदगी के क़ैद से ,पा जाते  हैं इक नयी ज़िंदगी बेजान तो वो रहते है जों जीते हैं उनके बाद न रहती है कोई उमंग न तरंग रह जाता है बस वीराना हर ख़ुशी का लम्हा भी कर जाता है उदास 


रजनी छाबड़ा 


Tuesday, August 13, 2013

आस का पंछी

आस का पंछी
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मन ,इक आस का पंछी
मत कैद करो इसको ,
कैद होने लिए ,क्या
इंसान के तन कम हैं


रजनी छाबड़ा

Wednesday, August 7, 2013

भाग मिल्खा भाग
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खेल जगत के युगपुरुष की कहानी
जिस का युगों तक ,न होगा कोई सानी


रजनी छाबड़ा 

Monday, August 5, 2013

तेरा ज़िक्र


तेरा ज़िक्र 
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वो ज़हान
मेरा नही
जहाँ
तेरी खुशबू
न हो
तेरी यादें न हो
जिक्र न हो
जहाँ तेरा
वो महफिल
मुझे रास आती नही

Sunday, August 4, 2013

आब ए हयात

मिलने लगते हैं जब
ख्याल और जज़्बात
निखरी निखरी
नज़र आती है क़ायनात
घुलने लगता हैं
ज़िंदगी मैं
आब ए हयात


सभी मित्रों को मित्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ


रजनी छाबड़ा 

Monday, July 8, 2013

किसे परवाह रहती है

किसे परवाह रहती है
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किसे परवाह रहती है आँधियों की
एक बड़े तूफ़ान के बाद
हर गम छोटा हो जाता है
एक उस से बड़े गम के बाद

रजनी छाबड़ा



Who cares for storms
After facing thunders in life

every grief becomes shorter
after facing bigger one.