सर्ग ७
लस्टीटूयशन (लस्टस का सविंधान): दस आज्ञापत्र
(स्थल: लस्टोनिआ , महान लस्टस का दैवीय साम्रज्य
लस्टस विश्व नेताओं को सम्बोधित कर रहा है और अपने दस आज्ञापत्र ज़ारी कर रहा है/)
लस्टस :
1.
वे सभी जिनकी आस्था
अंधकार के साम्राज्य की शक्तियों में है
स्वर्गदूतों के हमले से लड़ने के लिए ,
अपनी नयी प्रतिबद्धता और नवीनीकृत गौरव के साथ ,
इस दस आज्ञापत्रों का अनुपालन करेंगे,
हमारे साम्राज्य का फैलाव सुनिश्चित करने के लिए
प्रत्येक व्यक्ति तक
चाहे उसमें कैसा भी सामर्थ्य हो/
धार्मिक स्थल बनाओ और लोगो में लड़ाई करवाओ
रंगभेद और धार्मिक प्रतीकों के नाम पर /
हमारे राजदूतों की संख्या तो असीमित है
जिन्हे ईसा और बुद्ध की धरती पर
घृणा फ़ैलाने में व्यस्त रहना चाहिए,
संवेदना के नाम पर
और ईश्वर -प्रेमी लोगों को परिवर्तित कर
कट्टर स्वर वाले और हत्यारे बनाने के लिए/
वे देश जहाँ पैगंबरों ने
मानवता के उपदेश दिए
और देवों का राज्य स्थापित किया
उन्हें पूरी शक्ति से लक्षित किया जाना चाहिए/
बुराई का प्रचार इतना अधिक किया जाना चाहिए
कि वह सच्चाई प्रतीत होने लगे/
देवालयों में जाओ और धार्मिक ग्रंथ पढ़ो ,
और जुलूस निकालो,
देवों को खुशी महसूस होने दो
कि पीढ़ियाँ उनको सम्मान दे रही हैं,
उन्हें अपनी निष्क्रिय उड़ान का आनंद लेने दो,
जबकि हम इनकी आत्मा को चूस लेंगे और केवल खाल बचेगी/
2.
हमारे साम्राज्य को केवल एक ही बात से खतरा है
वह है प्यार
अगर तुमने प्यार करना ही है, लस्टस से प्यार करो,
जोकि ईश्वर को सब से बड़ी चुनौती है
और उसके शिथिल साम्रज्य को
एडम और ईव एक दूसरे से प्यार करते थे,
परन्तु ज्ञान का बीज बो कर
जोकि घृणा का ही समानार्थक है
हमारी योजना है कि इस अविश्वासी विश्वास की फसल काटें/
प्रेम से विवाह की ओर, बुद्धिमानों का झुकाव होने दो ,
विवाह की ऐसी योजनाएं बनाओ
कि असमान युगलों के सम्बन्ध सुनिश्चित करो
उसके उपरांत, संतानोत्पति हेतु,
जोड़ों को कृत्रिम गर्भाधान की योजना बनाने दो
और अंत में, अवैध संतानों को धरती पर झूमने दो/
3.
समाचारपत्रों को तुच्छ विचारों से भर दो ,
सुनिश्चित कर लो कि कोई खबर भी अच्छी खबर न हो /
उन्हे केवल वही रिपोर्टिंग करने दो जो कि बेतुकी हो,
और नेक काम तो व्यवसाय से बाहर की बात हैं/
दानवों को बहुत ख़ुशी मिलती है जब वे देखते हैं
कि नेताओं का अनुसरण तो देवालयों में भी किया जाता है
और देवताओं की अवहेलना कर दी जाती है/
4.
इस धरती पर जो नैतिककरण उपकरण है, उसे नष्ट कर दो,
और जो कुछ भी महत्वपूर्ण है, उसका अस्तित्व मिटा दो/
ज्ञान की बात सघन होनी चाहिए /
दिमाग़ को मूर्खता से भर दो/
पुस्तकें ऐसी होनी चाहिए जिनमें कुछ भी विषयवस्तु न हो/
और डिग्रियाँ ऐसी जोकि प्रमाणित करें की इन में कुछ भी नहीं है/
विश्वविद्यालयों की संख्या में वृद्धि करो/
बिक्री को कई गुणा बढ़ा दो,]
और उन लोगो को शीर्ष ओहदे दो, जो सबसे निम्न रहने योग्य हैं/
5.
दम्पतियों में परस्पर विश्वास टूटना चाहिए
एक लगातार विवाद की स्थिति कि किस सी बात और कर्म उचित हैं/
इस हद तक की अंततः उनका सम्बन्ध विच्छेद हो जाए/
मानवता की कहानी को उधेड़ना आवश्यक है/
वास्तविक युद्ध तो अब घरों में लड़ा जाएगा/
यहीं पर तो अब ख़ुदा का मक़बरा बनेगा/
6 .
पाप स्वीकरोक्ति और क्षमादान
इसाईयों की रस्में हैं /
सदैव एक ऐसे अवसर की तलाश में रहो
जहाँ तुम कोई विचलन ढूंढ सको /
इस तरह के प्रावधान आश्वस्त करते हैं कि
साधारण निंदा से परे कोई सजा नहीं
लोगों को और गलतियां करने के लिए साहस देते हैं
नमक के आस्वादन के बाद, मिठास का स्वाद लेने के लिए/
7 .
ईश्वर ने दैवीय संतुलन के साथ इस ब्रह्माण्ड की रचना की थी
उन रसायनों को पुनर्मिश्रण करते हुए
मस्तिष्क की संरचना ऐसी करो
कि मानव की विचार प्रक्रिया भंग हो जाये/
प्रत्येक प्राणी और मानवीय शरीर के प्रत्येक अंग की,
अपनी आवश्यकताएं होती हैं
अगर आपूर्ति होती रहे तो सब सही और उम्दा
अगर प्रतिदिन का आहार न मिले ,तो अव्यवस्था /
अगर सैक्स की भूख शांत न हो तो
काया और मन तूफ़ान मचा देते हैं/
और जीवन का संतुलन ही बिगाड़ देते हैं/
8 .
मनुष्य केवल एक पैकेज है,
एक सौदे के अलावा कुछ भी नहीं /
हमें क्रूर स्वभाव और असंयमी उमंग वाले
मनुष्य चाहिए/
हमारे संसार की शासिका ग्रेडा है,
लोलुपता की देवी,
वासना, आकांक्षा और क्रूर जुनून
हमारा स्थायी पंथ/
9.
देवालयों से पुजारियों को हटा दो
पाठशालाओं से अध्यापकों को हटा दो/
और विश्वविद्यालयों से, आह !
दार्शनिकों और प्रोफेसरों को/
हमें तो कट्टर पेशेवर चाहियें
जो ऐसी ज्ञान प्रणाली को बढ़ावा दें
जो कि सिखाये कैसे ईश्वर को धोखा दिया जाये
और नर्क की स्थापना की जाये
और वे सभी ज्ञान प्रणालियाँ जिन से
आत्मा की आग की गंध आती है
उन्हें तो कचरापात्र में पड़े रहना चाहिए/
10.
यदि आप प्राकृतिक वृति को विफल कर सकते हो,
आप देवताओ को कोसों दूर रख सकते हो/
पक्षी, जानवर, नदियाँ, हवाएँ ,
स्वयं के एक तर्कसंगत स्थान पर रह सकेंगे/
ऐसा ही वनस्पति का प्रकरण है/
चाहे कोई वृक्ष काटो या कोई फल तोड़ गिराओ
बिल्कुल भी कोई आवेश होता ही नहीं
इस पुरातन संसार का अब नवीनीकरण होना चाहिए/
उनमें भी , उनके उच्च दर्जे के होने का एहसास पैदा करो,
जानवरों को, पक्षियों को और लचीले वृक्षों को सूचित करो
आज के बाद, कुछ भी मुफ्त में नहीं दिया जायेगा./
समूहगान:
टांगो और बाहों पर शिक्षा केंद्रित करो
सिर और आत्मा से इसे अक्षम करो/
आधुनिक समय के संसार में
पेशेवरों की आवश्यकता है , न कि प्रोफेसरों की
और दार्शनिकों की तो उस से भी कम/
शब्द आवाज़ नहीं करते
फ़िर भी उन्हें बेवजह मत उछालो /
जैसे कि हम तब तक कदम नहीं बढ़ाते
जब तक हम आश्वस्त न हो जाएँ
कि हमारे पैरों की नीचे की ज़मीन मजबूत है/
ईश्वर एक आध्यात्मिक सरंचना है/
अच्छाई का एक उत्कृष्ट रूप
जिसकी सहस्त्रों परते हैं
साधुता की ओर चलते हुए
अंत में शुचिता की ओर/
बुराई भी अंतिम संस्करण है
अच्छा न होने का/
दो विरुद्ध दिशाओं के एक बिंदु से
बुराई और अच्छाई आगे बढ़ते हैं
दोनों ही सदैव उपस्थित रहते हैं/
दानव कभी भी अधिक दूरी पर नहीं होते
पलक झपकते ही
स्थिति पर काबू पा लेते हैं/
इस से पहले की आप कुछ सोच पाएं/
बुराई इतनी चुस्त है, इतनी बुद्धिमान, इतनी फुर्तीली
और इसकी कार्यशैली इतनी तत्पर
कि वे घर बैठे बैठे ,आपका काम कर देते हैं/
आपको कोई आर्डर फॉर्म भरने की आवश्यकता नहीं
उनके कंप्यूटर उन्हें आपकी रूचि सेअवगत करा देते हैं
और, वाह,आपको कॉल आ जाती है
आपको जो चाहिए, आर्डर कीजिये /
आपको तो केवल निर्णय लेना है
गूगल एंटर कीजिये और एंटर का बटन दबा दीजिये/
अब आप वाणिज्यिक जीवों की दया पर निर्भर हैं/
वे जानते है की आपके लिए क्या सर्वाधिक अनुकूल है/
आपके अवतरण दिवस पर आपको ऑफर मिलते हैं
कूपन्स इस आग को और उच्चण्ड करते हैं
यह दानव की निःशुल्क सलाहकारी संस्था है/
आपकी इच्छा की अभिव्यक्ति के लिए/
यह शिष्टाचार और रीति की वजह से भी है
कि उबासी लेते हुए या छींकते हुए देवताओं को याद करते हैं
या अपने दिन की शुरूआत करते हुए
अन्यथा, उस समय,
केवल दानव ही समय का लाभ उठाते हैं/
पुराने अच्छे दिनों में , ऐसा समय भी था
जब गाँव की एक ही चौपाल
पूरी जनसंख्या की सेवा कर लेती थी
इसकी ज़रूरतों के वक़्त /
देवता तो अब स्वयं को अल्पसंख्यक समझते हैं,
क्योंकि अब बुराई तो सब से ऊंची भावना है/
और, शैतान ने अब हर दिल में
एक मंदिर बना लिया है/
लस्टस प्रेस कांफ्रेंस में
लस्टीट्यूशन के दस आज्ञापत्रों के रूप में घोषणा के उपरान्त, एक प्रेस कांफ्रेंस आयोजित की जाती है/ संसार के विभिन्न चैनल्स महान लस्टस को घेर लेते हैं, अपने प्रश्नों के साथ / 'किलर इंस्टिंक्ट' और 'लस्ट' के संवाददाता प्रश्न पूछते हैं/
किलर इंस्टिंक्ट:
लस्टस, आपने कहा कि दानवों को
मानव प्रजाति का संतुलन बिगाड़ना चाहिए/
आप ऐसा कैसे संभव कर पाएंगे?
और इस से दानवों के राज्य को क्या मदद मिलेगी?
लस्टस :
हमने ईडन का संतुलन न बिगाड़ने का निर्णय लिया है/
इसकी बजाय , हमने अपना साम्राज्य बनाया है/
लस्टोनिआ /
यह हमारा स्वर्ग है, जहाँ हम पाए जाते हैं,
षड़यंत्र रचते हैं और आराम करते हैं/
हम मानवता की लय को कैसे बिगाड़ेंगे ?
सीधी सादी सी बात है, उन्हें सैक्स क्षुधातुर रख के/
किलर इंस्टिंक्ट:
सैक्स ? क्या लस्टुनिआ में सैक्स पर कोई प्रतिबंध नहीं?
मानव संसार में तो सैक्स एक वर्जित विषय है/
लस्टस :
जानवरों का साम्राज्य निषेध मुक्त है,
जिस से उन्हें अपना संतुलन और शांति
बनाये रखने में मदद मिलती है,
कुछ ऐसा ही पक्षियों के साथ हैं/
एक भी पक्षी कभी भी सैक्स से वंचित नहीं रहता /
आप देखिये, वे सब कितने शांत रहते हैं!
परन्तु मानव में इस से बड़ी कोई क्षुद्धा ही नहीं
कि उनकी सौंदर्य और शरीर के प्रति प्यास
कभी तृप्त ही नहीं होती/
और देवत्व की राह तलाशने की बजाय,
और यहाँ तक कि संसार को बेहतर बनाने के
तौर- तरीके खोजने की बजाय
मानव प्रजाति अपने यौवन और वृद्धावस्था
को व्यर्थ गवांने में लगी है/
सांझेदारों के पीछे लालायित रहने ,
विवाह के बारे में और गृहस्थी बसाने के बारे में सोचते रहने में/
इस समय यह लोग व्यस्त रहेंगे
सुयोग्य मिलान ढूंढने और विवाह रचाने में
और उसके बाद कचहरियों के चक्कर लगाने में
दानव व्यस्त रहेंगे, अपने किलों को सुदृढ़ बनाने में /
किलर इंस्टिंक्ट:
यह एक बहुत पेचीदा षड़यंत्र प्रतीत होता है,
विनाश के स्वामी
इस सब से आपको अंत में क्या प्राप्त होगा?
लस्टस :
किशोरावस्था से लेकर, वयस्कता तक
आदमी और औरतें विपरीत सैक्स के ही सपने लेते रहते हैं/
उनके दिमाग पर शादी का ही भूत चढ़ा रहता है/
अधिकतर, बेमेल विवाह हो जाते हैं/
और यौन कुंठा
इस संसार का एक बड़ा मुद्दा बन चुका है/
एक व्यक्ति जिसका सारा अस्तित्व ही सैक्स पर केंद्रित हो,
वह ईश्वर के बारे में कैसे सोच सकता है?
वह मोक्ष के बारे में कैसे सोच सकता है?
और हम इसका सम्मिश्रण बना देंगे,
इसे धर्म के साथ मिश्रित करते हुए/
वे जो यह अनुभव करते हैं के वे पथ भृष्ट हो गए हैं/
वे धार्मिक संघ में शामिल हो जाते हैं ब्रह्मचारी के रूप में।
ब्रह्मचर्य से बड़ा असत्य तो कुछ हो ही नहीं सकता /
और शुचिता के विचार से बड़ा और खतरनाक
कोई भी क्रूर कानून नहीं हो सकता/
अगर प्रकृति ने तुम्हे एक काया दी है,
इस में देखने के लिए आँखे हैं,
इस में हाथ है जिनसे आप भोजन कर सकें,
जिसमें टाँगे है जिनसे आप दूर दूर तक चल सकें/
और मानव के जननिक किस लिए है?
केवल भूखे मरने के लिए ?
एक पवित्र व्यक्ति तो वह है जो,
मन और शरीर दोनों ही से पूर्ण महसूस करता है/
हमारे खास व्यवहार की ओर जीवों का स्वाभाविक झुकाव पवित्र है/
और यह उतना ही आग्रहपूर्ण है जितना कि मूत्र करने की प्रबल इच्छा/
जिसे अगर रोका जाये, तो दिमाग़ को दूषित कर देती है/
और व्यक्ति तब तक शांत नहीं रह पाता
जब तक उसकी यह स्वाभाविक वृतियां मुक्ति नहीं पाती/
किलर इंस्टिंक्ट :
आप कहते है, महादूत, कि विश्वविद्यालयों के
शीर्ष पद उन लोगों को दिए जाने चाहिए,
जो सब से निम्न पद के योग्य हैं/
आप शिक्षा प्रणाली का करना क्या चाहते हैं?
आपके मन में क्या चल रहा है ?
लस्टस :
ज्ञान ही तो मूल पाप है/
मेरी नज़र में यही सबसे बड़ा पाप है/
सर्वप्रथम, हम यह सुनिश्चित करेंगे कि आदर्शों पर रोक लगा दी जाएँ/
और केवल सौदेबाजी ही रहें/
अल्प ज्ञान बहुत खतरनाक होता है
आप सब यह जानते हो
और ज्ञान जितना अधिक होगा, खतरा भी उतना ही अधिक होगा/
हम सुनिश्चित करेंगे कि सभी असाधारण दिमाग वाले लोग
जोकि विज्ञान और तकनिकीकरण में
सभी मानवीय सीमायें पार कर
देवताओं के राज्य में भटकते रहें,
ताकि, वे ईश्वर को चुनौती दें
और, क्रोधित होकर,
ईश्वर उन्हें हमारी गोद में फ़ेंक दे/
हमारे विश्वविद्यालाय ज्ञान के दाहगृह होंगे/
हम सुनिश्चित करेंगे कि शीर्ष पर वे लोग रहें
जिनकी बुद्धि में कोई हिस्सेदारी नहीं है/
जो प्रकाश से वंचित हैं
जो अंधकार फ़ैलाने में यकीन रखते हैं
अन्धकार का मतलब रात नहीं
न देखने की क्षमता अन्धकार है/
और हम सुनिश्चित करेंगे कि
यह संसार अपने सभी दैवीय प्रावधानों से वंचित हो जाये /
लस्ट :
सेटन की क्या उपलब्धियां रही/
और उसके क्या ध्येय अधूरे रह गए,
जिनको पूरा करने का दायित्व आपने लिया है?
लस्टस :
तुम्हे मेरे कार्य की पूर्व योजना की जानकारी चाहिए/
सेटन का युग अच्छा युग था ,
संसार पर धर्म का राज्य था/
धार्मिक लोगों को आमंत्रित किया जाता था
राजाओं की गतिविधियों का अधीक्षण करने के लिए ,
और अधिकांश समय
शासक उनकी बुद्धिमता की बातें मानते थे/
यह वह समय था जब संसार अधिकतर
देवीय गुणों से निर्मित था ,
लोग प्रकृति प्रेमी थे
ईश्वर में यकीन रखते थे, उस से डरते थे
अपनी मिथ्या प्रवृतियों को सम्मोहित रखते थे
और देवालयों में जाते थे उपासना के लिए /
पर हमारा समय उलटा है,
जबकि लोगों को ईश्वर में कोई आस्था ही नहीं।
जिसका अप्रत्यक्ष अभिप्राय यह है कि वे हमारे जाल में उलझ गए हैं/
वे देवालयों में तो जाते है, परन्तु मात्र दिखावे के लिए/
वे विश्वविद्यालयों में जाते हैं, केवल नकली ज्ञान के लिए/
वे भले हैं, पर नाम मात्र के लिए /
उन्हें ईसा मसीह में कोई आस्था नहीं,
क्षमादान, दान- पुण्य , पाप स्वीकरोक्ति ,
यह सब फैशन में परिवर्तित हो गए हैं/
यह एक क्रूर संसार है,अथक महत्वाकांक्षा का/
धर्म को तो नकेल डाल दी गयी है
चतुर राजनेताओं द्वारा/
नेकी, सुविचार, आदर्श /
अब इन सब की तो कोई प्रासंगिकता ही नहीं रही /
यह तो सभी को मुफ़्त में मिलते हैं/
जिस पेंडीमोनियम की झलक हम
मिल्टन के 'पैराडाइस लॉस्ट ' में पाते है,
वही संसार की संसद में आकर बस गया है/
जहाँ लोग मतदान तो करते हैं, पर कोई उच्च विचार नहीं दे सकते/
हमने पूरे संसार में अपने साम्राज्य फैला दिया है/
अब हम
आगे बढ़ रहे हैं प्रकृति को आध्यमिकता -विहीन करने के लिए/
और जानवरों के संसार के ओर /
(प्रेस कांफ्रेंस समाप्ति )
(किलर इंस्टिंक्ट का एक संवाददाता, जिसे की राजकीय कोष से मानदेय मिलता है और वह दानव की योजनाओं का प्रचार करता है , दुनिया को जानकारी दे रहा है, इन योजनाओं के बारे में :)
महामान्य ,नरकवास के स्वामी
महान लस्टस /
चाहते हैं प्राथमिकता के आधार पर नर्क को पुनर्जीवित करना /
संसार से सारी अच्छाइयाँ ख़त्म कर दी जाएंगी,
और मानव बुराई को ही एकमात्र उपलब्ध अच्छाई के रूप में जानेगा/
यह ईश्वर के लिए एक कठिन परिदृश्य होगा/
हमारे अनुमान के अनुसार, ईश्वर अत्यंत कमज़ोर विकेट पर है
शीघ्र ही हम जवाबी हमले का आयोजन करेंगे/
और ईश्वर के साथ एक प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन करेंगे/
दैवीय वाणी :
क्या देवगण बिल्कुल अनभिज्ञ थे
कि दानवों के राज्य में क्या गतिविधियाँ चल रही थी?
क्या उन्होंने स्वंय ही निरीह लोगों को
बाध्य नहीं किया था
दानव की गोद में जाने के लिए/
क्या यह देवताओं की ही एक अभूतपूर्व योजना नहीं थी ?
सेटन और उसके रिश्तेदार लस्टस को
पूरी ढील देने की
और अंत में जल्लाद का फंदा खींचने की?
और उस सब को अक्षम करने की
और इस तरह से उनके पतन की योजना बनाने की/
पर, यह सच भी ही तो, कोई इस पर यकीन नहीं करेगा/
जो कुछ भी दिखाई दे रहा था.
यह चिंताजनक और निराशाजनक था/