Tuesday, February 14, 2023
My Books @ Surya Prakashan Mandir, Stall 109, Hall 2 of World Book Fair
By Grace of Almighty , my three books will be shelved on Surya Prakashan Mandir, Bikaner's, Stall No. 109, Hall 2 @ World Book Fait, Pragati Maidan, 25th February to 5th March, 2023
Saturday, January 28, 2023
आभास
आभास
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पानी में
नमक सा एहसास
मुझे है भाता
अदृश्य रह के भी
अपनी उपस्थिति का
आभास कराता/
रजनी छाबडा
पाणी वेच
नूण वरगा एहसास
मेंकू लुभावंदा
विखदा नहीं
पर आपणा होवण
जता वैंदा /
Friday, January 20, 2023
लोरी---एक राजस्थानी लघुकथा
लोरी---एक राजस्थानी लघुकथा
फुटपाथ पर जीवन बितानेवाली एक गरीब औरत,भूखे बालक को गोद में लिए बैठी थी.भूखे बालक की हालत बिगड़ती जा रही थी.
थोड़ी दूरी पर,बरसों से जनता को सुंदर,सुंदर,मीठे मीठे सपने दिखने वाले नेताजी भाषण बाँट रहे थे.
भाषण के बीच में बालक रो दिया.माँ ने कह,"चुप,सुन,नेताजी कितनी मीठी लोरी सुना रहें हैं." नेताजी कह रहे थे,"मैं देश से गरीबी-महंगाई मिटा दूंगा.देश फिर से सोने की चिड़िया बन जायेगा,घी दूध की नदियाँ बहेंगी
.कोई भूखा नहीं मरेगा...."
यह सुन कर खुश होती हुई माँ ने सुख समाचार सुनाने के लिए,बालक को झकझोरा.बालक भूख से मर चुका था.
लेखक:श्री लक्ष्मीनारायण रंगा
अनुवाद RAJNI CHHABRA
Sunday, January 15, 2023
दामन गुलाब का
प्यार जताना ही नहीं
प्यार निभाना भी जानते हैं/
कांटे लाख छलनी कर ले
दामन गुलाब का
गुलाब अनदेखा कर सब
बस मुस्कुराता है
उनके संग/
रजनी छाबड़ा
Tuesday, January 10, 2023
रजनी छाबड़ा (जुलाई 3, 1955)
राष्ट्रीयता : भारतीय
जन्मस्थान : देहली
प्रकाशित पुस्तकें :
हिंदी काव्य संग्रह :होने से न होने तक, पिघलते हिमखंड, सतरंगी खुशी, आस की कूंची से
इंग्लिश पोइट्री Mortgaged, Maiden Step
अंकशास्त्र और नामांक -शास्त्र पर 9 पुस्तकें
अनुदित पुस्तकें : Aspirations, Initiation, A Night in Sunlight, The Sun On Paper, Swayamprabha , Accursed हिंदी से , Reveries पंजाबी से व् Fathoming Thy Heart, Vent Your Voice, Language Fused in Blood, In the Art Gallery of My Heart, Across the Border, Sky is the Limit राजस्थानी से इंग्लिश लक्ष्य भाषा में अनुदित; मेरे २ हिंदी काव्य संग्रह 'होने से न होने तक' व् 'पिघलते हिमखंड' मैथिली और पंजाबी में व् अंग्रेज़ी काव्य संग्रह Mortgaged बांग्ला और राजस्थानी में अनुदित व् चुनिन्दा कविताएँ 9 क्षेत्रीय भाषाओँ में अनुदित
स्थानीय, राष्ट्रीय व् अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर काव्य सम्मेलनों में भागीदारी व् 7 अंतर्राष्ट्रीय काव्य संग्रहों में रचनाएँ सम्मिलित , 1991 से 2010 तक, आकाशवाणी, बीकानेर से निरंतर काव्य पाठ प्रसारण
डिजिटल साहित्य में निरंतर योगदान , पोयम हन्टर्स डॉट.कॉम पर अनेकानेक कविताओं के वीडियो , किंडल बुक पब्लिशिंग से 39 इ बुक्स प्रकाशित
ब्रह्म-कमल
ब्रह्म-कमल
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खुशियों के फ़ूल
नित नहीं खिलते
मेरे मन-आँगन में
कभी कैक्टस के फ़ूल
साथ निभाते हैं मेरा
कभी शुभ्र ब्रह्म -कमल की
यादों के सहारे
खुशियों सहेजती हूँ/
और आतुर मन से
प्रतीक्षारत रहती हूँ
ब्रह्म-कमल के प्रस्फुटन की/
रजनी छाबड़ा
11 /1 /2023