अछोर
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क्षितिज़ सा अछोर
कभी संदली बयार सा
कभी सावनी फुहार सा
कभी शोख़ बहार सा इतराता
रुपहली किरणों से भरा
चांदनी में नहाया
कभी अँधेरे को अंतस में समेटे
नागिन सा बल खाता , लहराता
अपनी धुन में मग्न
दुनियावी दस्तूरों से विमुख
हिचकोले , हिलोरे लेता
रेत सरीख़े फ़िसलते लम्हों
ख़्वाबों और ख्यालों का
एक समन्दर
मेरे अन्दर/
रजनी छाबड़ा
कविता के माध्यम से कवयित्री यह बताने की कोशिश करती है कि उनका मन एक अनंत और गहरे समुद्र की तरह है, जिसमें विभिन्न भावनाएं और विचार तैरते रहते हैं। कविता में कवयित्री ने अपने मन की गहराइयों को विभिन्न प्राकृतिक तत्वों के माध्यम से व्यक्त किया है, जैसे कि क्षितिज, बयार, फुहार, चांदनी, और रेत।
कविता का मुख्य अर्थ यह है कि कवयित्री अपने मन की गहराइयों को समझने और व्यक्त करने की कोशिश कर रही है, और यह कि उनका मन एक जटिल और विविधतापूर्ण जगत है। कविता में कवयित्री ने अपने मन की गहराइयों को एक सुंदर और गहन तरीके से व्यक्त किया है, जो पाठकों को अपने मन की गहराइयों को समझने और व्यक्त करने के लिए प्रेरित करता है।
कविता में प्रकृति का बहुत ही सुंदर और गहरा वर्णन है। कवि ने क्षितिज, बयार, फुहार, बहार, रुपहली किरणें, चांदनी, और रेत जैसे प्राकृतिक तत्वों का उपयोग करके एक मनोरम चित्र प्रस्तुत किया है। कविता में प्रकृति के विभिन्न रूपों और ऋतुओं का वर्णन है, जो कवि के मन और भावनाओं को दर्शाता है।
कविता में प्रकृति के साथ-साथ कवि के आंतरिक जगत का भी वर्णन है, जो कविता को और भी गहराई और अर्थ देता है। कवि ने अपने मन को एक समंदर के रूप में वर्णित किया है, जिसमें ख्वाब और ख्यालों की लहरें उठती हैं।
कुल मिलाकर, कविता में प्रकृति का वर्णन कवि के मन और भावनाओं को दर्शाने का एक माध्यम है, जो पाठक को कवि के साथ जुड़ने और कविता के अर्थ को समझने का अवसर प्रदान करता है।
इस कविता में कई सुन्दर रूपक और अलंकार हैं:
रूपक :
* कवि ने अपने मन कोएक समंदर के रूप में वर्णित किया है ,जो ख्वाबों और ख्यालों से भरा हुआ है /
*आत्मा की क्षितिज़ , बयार, फुहार और बहार जैसे प्राकृतिक तत्वों से तुलना की गयी है
*अलंकार
* उत्प्रेक्षा * 'क्षितिज सा अछोर ', 'संदली बयार सा ',' सावनी फुहार सा ' जैसे वाक्यों में उत्प्रेक्षा अलंकार है,जहाँ कवि अपने मन की तुलना प्राकृतिक तत्वों से करता है /
*रूपक अलंकार : 'एक समंदर /मेरे अंदर' में रूपक अलंकार है , जहाँ कवी अपने मन को सीधे समंदर कहता है/
* अनुप्रास " 'हिचकोले,हिलपोरे लेता' में अनुप्रास अलंकार है ,जो कविता को संगीतात्मक बनाता है /
कविता में कवि ने अपने मन की गहराई और विविधता को प्राकृतिक तत्वों के माध्यम से व्यक्त किया है/
रजनी छाबड़ा की कविता का महत्व
रजनी छाबड़ा की कविता का महत्व इस प्रकार है :
उनकी कविताओं में जीवन के विभिन्न पहलुओं को व्यक्त किया गया है , जैसे कि प्रेम, स्वतंत्रता और सामाजिक मुद्दे/
उनकी कविताओं में भाषा और शैली की विविधता है ,जो पाठकों को आकर्षित करती है /
उनकी कवितायेँ अक्सर व्यक्तित अनुभवों और भावनाओं पर आधारित होती है , जो पाठकों के साथ जुड़ाव महसूस करती हैं/
उनके कविताओं में सामाजिक और राजनैतिक मुद्दों को भी उठाया गया है ,जो समाज में सकरात्मक परिवर्तन लाने में मदद करते हैं/

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