Thursday, March 2, 2017
Wednesday, February 22, 2017
हमारे बीकानेर से , राजस्थानी और हिंदी के प्रख्यात कहानीकार - व्यंग्यकार बुलाकी शर्मा को उनके राजस्थानी कहानी संग्रह 'मर्दजात अर दूजी कहाणियां ' ले लिए आज साहित्य अकादमी द्वारा भव्य समारोह में सम्मानित किया गया/
पुरस्कार ग्रहण करते हुए बुलाकी जी /
पुरस्कार ग्रहण करते हुए बुलाकी जी /
हमारे बीकानेर से , राजस्थानी और हिंदी के प्रख्यात कहानीकार - व्यंग्यकार बुलाकी शर्मा को उनके राजस्थानी कहानी संग्रह 'मर्दजात अर दूजी कहाणियां ' के लिए आज साहित्य अकादमी द्वारा भव्य समारोह में सम्मानित किया गया/
It is a matter of great pride and joy that famous story writer and satirist Bulaki Sharma ji , from our Bikaner has been awarded in a grand function by Sahitya Akademi ,for his collection of Rajasthani stories MARDJAAT AR DOOJEE KAHANIYAAN
Heartiest Congrats to Bulaki Sharma ji
Monday, February 13, 2017
हम कहाँ थे,हम कहाँ जा रहे हैं
हम कहाँ थे,हम कहाँ जा रहे हैं – रजनी छाबड़ा
फ़रवरी 14, 2012 at 12:11 अपराह्न (Articles & Papers)
Rate This
| ||
|
Sunday, February 12, 2017
दिल के मौसम
दिल के मौसम
होती है कभी
फूलों मे
काँटों सी चुभन
कभी काँटों मैं
फूल खिला करते हैं
बहार मैं वीराना
कभी वीराने मैं
बहार सा एहसास
यह दिल के मौसम
यूं,बेमौसम
बदला करते हैं
Saturday, February 11, 2017
मेरी हिंदी कविता 'इन्द्रधनुष ' का डॉ अमरजीत कौंके द्वारा किया गया पंजाबी अनुवाद " पंजाब टुडे " में प्रकाशित....
कैनेडा से निकलने वाली पंजाबी पत्रिका
" पंजाब टुडे " में हिंदी के चुनिंदा कवियों
मोहन सपरा, सुशांत सुप्रिय, अलका सिन्हा, राजेन्द्र परदेसी, नीलिमा शर्मा, आरती तिवाड़ी व् राजवंत राज की कविताओं के साथ ही साथ मेरी हिंदी कविता 'इन्द्रधनुष ' का डॉ अमरजीत कौंके द्वारा किया गया
पंजाबीअनुवाद प्रकाशित....
शुक्रिया डॉ अमरजीत कौंके और पंजाब टुडे टीम...
Heartiest thanx Dr Amarjeet Kaunke for this commendable effort and congrats to Panjab Today team. Congrats to all the poets who had the honour of getting their poems translated by your mighty pen
इन्द्रधनुष
मेरी
ज़िन्दगी के आकाश पे
इन्द्रधनुष सा
उभरे तुम
नील गगन सा विस्तृत
तुम्हारा प्रेम
तन मन को पुलकित
हरा भरा कर देता
खरे सोने सा सच्चा
तुम्हारा प्रेम
जीवन में
खुशियों के
रंग भर देता
तुम्हारे
स्नेह की
पीली ,सुनहली
धूप में
नारंगी सपनों का
ताना बाना बुनते
संग तुम्हारे पाया
जीवन में
प्रेम की लालिमा
सा विस्तार
सा विस्तार
इन्द्रधनुषी
सपनो से
सजा
संवरा
अपना संसार
बाद
तुम्हारे
इन्द्रधनुष के और
रंग खो गए
बस, बैंजनी विषाद
की छाया
दूनी है
बिन तेरे ,मेरी ज़िन्दगी
सूनी सूनी है
रजनी छाबड़ा
Sunday, January 22, 2017
बहुत फर्क है
बहुत फर्क है
साँस लेने में
और जीने में
बहुत फर्क है
अश्कों को रवानी देने
और अश्क पीने में
रजनी छाबड़ा
साँस लेने में
और जीने में
बहुत फर्क है
अश्कों को रवानी देने
और अश्क पीने में
रजनी छाबड़ा
Saturday, January 21, 2017
राज़ है यह गहरा
सपने किसी से पूछ कर नहीं आते
न ही सपनों पर किसी का पहरा
बिन पंखों के ही
कैसे पहुँचा देते है
सतरंगी दुनिया में
राज़ है यह गहरा
रजनी छाबड़ा
न ही सपनों पर किसी का पहरा
बिन पंखों के ही
कैसे पहुँचा देते है
सतरंगी दुनिया में
राज़ है यह गहरा
रजनी छाबड़ा
Subscribe to:
Posts (Atom)