माँ
जीवन का विस्तार
स्नेह, प्यार, आधार
विश्वास अपरम्पार
त्याग, सामंजस्य का भण्डार
सृजन से, विलीन होने तक
इस ममत्व का कभी न होता अंत
माँ जाने के बाद भी
आजीवन बसर करती
यादों में अनंत
रजनी छाबड़ा
माँ
सहमी सहमी
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मौत जब बहुत करीब से आकर गुज़र जाती है
दहशत का लहराता हुआ साया-सा छोड़ जाती है
सहमी-सहमी से रहती हैं दिल की धड़कनें
दिल की बस्ती को बियाबान-सा छोड़ जाती है /
हमारा ब्रह्माण्ड तो एक विभाजित घर है,
बुराई की उपस्थिति से अच्छाई पूर्णतः संतुलित है/
दानव नमक की तरह हैं जो कि
सभी स्वर्गदूतों के, सभी शक्कर युक्त खाद्य पदार्थों को
ख़लाओं के लिए सुपाच्य बनाते हैं/
अतीत में कौन से युग ,
सतयुग, त्रेता, द्वापर बुराइयों से मुक्त थे ?
कलयुग में जो एक मात्र भिन्नता हम देखते हैं, वह यह है
कि बुराई का मानवीकरण किसी एक व्यक्ति के रूप में नहीं किया गया
जैसे कि पहले रावण या कंस अथवा दुर्योधन के रूप में किया गया था /
कलयुग एक् टाइम कैप्सूल है, जिस में
ज्ञान ने अपनी बुरी शक्तियां दिखाई हैं
लोग ईश्वर के प्रति आस्था-हीन हो जाते हैं/
हठधर्मी हो जाते हैं
और अपने वैकल्पिक देवता बना लेते हैं/
लस्टस सेटन का एक काल्पनिक पुनः रूप है/
अधिक ख़ौफ़नाक क्योंकि वह प्रयत्न करता है
देवताओं और बुराईयों के संगठनों में
युद्ध छिड़ जाता है
युद्ध के वीभत्स हादसे बाध्य करते हैं दोनों पक्षों को
एक युद्ध -संधि विराम के लिए ताकि
अंतिम आक्रमण से पूर्व थोड़ा समय जुटाया जा सके/
लस्टस अभी भी अपने ओहदे पर क़ायम है/
अग्नि के सबसे महत्वपूर्व प्रारूप सम
यहाँ-वहाँ यदि कुछ उलट-फेर करने पड़ें
इसे केवल कुछ क्षति ही आंका जाएगा, व्यवसाय के साम्राज्य में /
अब समय आ गया है कि देवता पुनर्विचार करें
किस तरह से वे पुनः प्राप्त सकते हैं
मानव हृदय पर अपनी खोयी हुई पकड़ /
उन्हें दूसरों को अधिक भावनात्मक समर्थन देना होगा
और कम लापरवाह और कम निर्दयी बनना पड़ेगा/
क्या वे सूचना मिलते ही तुरंत ध्यान देंगे
यदि कहीं कोई मानवीय क्षति हुई हो/
दानवों जैसे, जो हमेशा मनुष्यों के आदेश मानते हैं
और उनके लिए तत्परता से कार्यशील रहते हैं?
दानव उनके मन की बात समझते हैं
उनके लिए मल्हम जुटाते हैं/
और उन्हें ऐसे स्थानों में जाने के लिए लालायित करते हैं
जहाँ पर अंत में उनकी शांति नष्ट हो जाती है/
सृजना और कुशलक्षेम के देवताओ
लस्टस और उसके दानवों ने
मानवता का संतुलन बिगाड़ दिया है /
लोग विक्षिप्त हो गए हैं/
पुनर्विचार कीजिये उन्हें इस उत्तेजना के संसार से
वास्तविकता और स्थिरबुद्धिता के संसार में
कैसे वापिस लाया जाये /
मूल लेखन (अंग्रेज़ी ): डॉ जरनैल सिंह आनंद
हिंदी अनुवाद : रजनी छाबड़ा
*लस्टस: मानवीय संवेदनाओं और नैतिकता का संवाद*
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'लस्टस' अंग्रेजी में डॉ.जे. एस. आनंद द्वारा रचित बहुचर्चित महाकाव्य है, जिसका हिंदी रूपांतरण रजनी छाबड़ा ने किया है। कवि और अनुवादक दोनों के प्रति मेरा बहुत सम्मान रहा है। ये अपने अपने क्षेत्र के दो बड़े नाम हैं, जिनकी कीर्ति भाषाओं और भौगोलिक सीमाओं से बहुत आगे पहुंच चुकी है। अनेक क्षेत्रों में कार्य करते हुए स्वयं को निरंतर गतिशील रखना ही बहुत बड़ी बात है। एक उम्र के बाद जब संसार ही अपनी महत्ता क्षीण करने लगता है, उस दौर में भी कुछ नया करने रचने का
Recently, I have trans-verted into Hindi, LUSTUS. a World Classic in Dramatic Poetry, originally composed in English by internationally acknowledged , versatile inker and thinker Dr. J.S. Anand and I have trans-verted into Hindi to render wider approach to readers
Lustus, as the author remarks, is a successor of Satan who has grown feeble and infirm and is constantly worried as to who will manage kingdom of darkness after his departure. With undaunted determination to wreck the empire of peace and divinity , created by Gods, Satan enthrones Lustus, his younger cousin brother, to rule over the kingdom of Darkness. Lustonia is the name of his democratic country, his constitution is named as Lustitution and justice as Lustice. In a very well organized manner, Lustus promotes greed, lust, loveless relation in human relationship and undertakes the task of destroying this beautiful world and wages war against Gods.
नया संविधान लस्टीटयूशन बनाया जाता है और १० आज्ञापत्र भी जाऱी कर दिए जाते है, ताकि सुनियोजित ढंग से बुराई का प्रचार प्रसार किया जा सके और मानव जाति धर्म से विमुख हो जाये / भृष्टाचार का बोलबाला हो और भृष्ट लोग ही प्रशासन में मुख्य कार्यभार संभालें/
मानसिक विकृतियों की दास्ताँ
मानसिक विद्रूपता का भयानक आईना दिखाता नाटकीय एकालाप ' लस्टस '
Survey Note: Comprehensive Overview of Rajni Chhabra
Title | Type | Language | Publication Year | Availability |
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Numerology Galore | Book | English | 2015 | |
LATENT MEANING OF ALPHABETS IN YOUR NAME | Book | English | Not specified | |
BRIGHT ENGLISH NEW COURSE | Grammar Book | English | 1988 | Mentioned in Setu Mag |
Fathoming Thy Heart | Translated Poetry | English | Not specified | Available on Kindle, Goodreads |
Vent Your Voice | Translated Poetry | English | Recent release | Available on Kindle, Setu Mag |