निज से निजता
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कुछ वक़्त रोज़
ख़ुद के साथ बिताइए
अतीत के झरोखे से आती
धूप छनी किरणों का
लुत्फ़ उठाइये
दिन भर की उपलब्धियों का
आंकलन कीजिये
कुछ अधूरे सपनों को
साकार करने का प्रयास
या फ़िर नयी मंज़िल
पाने का क़यास
ज़िंदगी के कैनवास पर
कोई अधूरी तस्वीर
पूरी करने के लिए
सपनों से लें रंग उधार
या फ़िर अपनों से
बेवज़ह सी लगती ज़िंदगी में
कोई वजह तलाशिये
ख़ुद के साथ लगाव
अक्सर कर देता है दूर तनाव
हम ईश की रची हुई
अतुलनीय रचना है
स्वाभिमान और
निज से निजता
यह एहसास
लाता है जीवन में
सार्थकता और निख़ार/
आपका अपने से अधिक
अपना कोई नहीं होता /
रजनी छाबड़ा
प्रतिदिन लक्ष्यों को बनाए रखने के बारे में सुंदर रचना।
ReplyDeleteHearty thanks
DeleteBeautiful
ReplyDeleteHearty thanks, Dear sister
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